Poetry
View Allप्रायश्चित के शब्द
कभी कभी लिखता हूँ कविता या निरंतर प्रायश्चित के शब्द जब दुनिया के तमाम द्वंदों से थक के मायुस होता हूँ लिखता हूँ झूठी कल्पनाओं को कि किसी भ्रम में …
My Thoughts
View AllSometimes you are in the crowd but still not a part of it.
आप कभी कभी भीड़ में हो के भी इसका हिस्सा नहीं होते । आपके आस पास भीड़ है पसरी हुई लेकिन आप अपने विचारों में खोये हुए उसका हिस्सा नहीं …
Life Events
View Allहोली के रंग ….
होली रंगों की दुनिया, आस पास जैसे अनेकों रंग बिखर रहे कोई अतीत की यादों में खो रहा तो कोई रंगों की नयी यादें जोड़ने की तैयारी ! प्रकृति भी …