बड़ी संजीदगी से भर देना
जैसे कितने आसान से है
जिंदगी के हर फलसफे
ऐसी तल्लीनता से सुनना
तुम्हें यूं प्रतीत होता है
कोई दार्शनिक समझा रहा
जीवन के गूढ़ रहस्यों को
और मंत्रमुग्ध हो सुनते जा
रहे इर्दगिर्द सभी अनुयायी
हर उथल पुथल मन की
यूं शांत सी हो जाती है
जैसे बड़े ज्वार भाटाओं
कोई एक इशारे से समझा
रहा की वो समेट ले अपनी
उमड़ती हुई लहरों को,
हर नाउम्मीद से लम्हों में
भरता है वो थोड़ी सी जिंदगी ।
थोड़ी सी जिंदगी
