चाँद – @ Winter Night

ठंड से ठिठुरता चाँद …शीत में भींगता गुनगुनाता चाँद,न कोई अलाव है न कोई तपिश ।न कोई गुफ्तगू न कोई खबर पूछता,किससे रात भर बातें करता होगा चाँद ?चुपचाप देखता …

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भ्रष्टाचार के पुल

भ्रष्टाचार के पुलआशंकित से खड़ेनहीं होते है खड़े फौलादी सीने सेहिलते है पानी के थपेड़ों सेथरथराते है गुजरते हुए भारी वाहनों से | पुल के बनाने वाला कभी पुल के …

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तुम आना फिर ..

तुम आना फिर ..पहली दफा जैसे अजनबी के तरह,पूछना सकुचाते हुए नाम और शहर । कुछ दिन करना बातें अनमने ढंग से,सुबह शाम छोटे छोटे शब्दों में,खत्म करना रोज की …

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आओ मिलो सुबह से ….

आओ मिलो सुबह से कभीहल्की सी रोशनी अंधेरों के बीचऔर पंछियों की कलरव हो । ये सभी पेड़ पौधे आतुर से मिलेंगेपूरी रात अकेले गुमसुम से थे खड़े । थक …

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