किसी नास्तिक को जब
मिल जाता होगा ईश्वर
कैसे पुराने कठोर से
वहम को बिखेरता हुआ
मन में कैसी संवेदना होगी
वैसी अनभूति सी हुई
जब बेजार से जहन को
छू गए तुम्हारे शब्द
एकाकी से खोये हुए
जीवन को मिल गईं
फिर से थोड़ी जिंदगी ।।
#InsanePoet
The Life Writer & Insane Poet
किसी नास्तिक को जब
मिल जाता होगा ईश्वर
कैसे पुराने कठोर से
वहम को बिखेरता हुआ
मन में कैसी संवेदना होगी
वैसी अनभूति सी हुई
जब बेजार से जहन को
छू गए तुम्हारे शब्द
एकाकी से खोये हुए
जीवन को मिल गईं
फिर से थोड़ी जिंदगी ।।
#InsanePoet