ईश्वर और कविता

ईश्वर रचता है प्रकृति
बीजों से फूटते कोपल
उससे निकलती पंखुड़ियां
आसमानों में फिरते हुए
बादल और उससे गिरती
हुई बूंदें ।

ईश्वर बनाता है संसार में
संघर्ष सपनों संयोग से
लेकर जीवन और मृत्य तक
के नियम ।

जब जब कोई शब्दों को
बुन लेता होगा और लिख
देता होगा किसी को अनायास
सा कविताओं में ।

कभी कभी सोचता हूं
कैसे लिख सकता कोई
अनेकों बार अनेकों शब्दों
में किसी की असंख्य व्याख्या
ये मेरे अंदर कोई है जो
सृजन करता है हर क्षण
ईश्वर की तरह ।

ईश्वरीय वरदान के तरह है
किसी का स्मृतियों, संवादों,
संवेदनाओं के साथ कविता
में ढल जाना ।

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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