होली रंगों की दुनिया, आस पास जैसे अनेकों रंग बिखर रहे कोई अतीत की यादों में खो रहा तो कोई रंगों की नयी यादें जोड़ने की तैयारी ! प्रकृति भी पेड़-पौधों पर नये रंग के संचार कर रहा कहीं पुराने पत्ते गिर रहे तो कहीं नये मंजर खिल रहे, हवा में मादकता है, शायद यही रंगों का बदलाव है होली |
जीवन रंगों के तालमेल के बिना कैसे पूरा हो सकता, कोई दूर है कोई पास, कुछ बीता हुआ कल है, कुछ दुःख है कुछ दर्द है, तो कुछ ख़ुशी भी ; किसी का बिछड़ना है किसी को भूलना है, किसी को याद करना है ! किसी से स्नेह , कहीं द्वेष, कभी अतीत के झरोखे तो कभी यतार्थ का अहसास | कभी कुछ उम्मीदों का ढहना है तो नये संकल्पों का संवरना | ये सब जीवन में न हो तो जीवन कैसा होगा स्वेता श्याम रंग का कैनवास ?
जीवन के चित्र पर वे सभी जो कुछ रंग उकेर रहे, कुछ आस पास होकर, कुछ दूर होकर, कोई अनजान बनकर उनके जीवन में भी रंग उमड़ते रहे |
रंग प्रेम का पर्याय है, इसके बिना तो हर कोई रंगहीन है ; रंगों का कारोबार यूँ ही चलता रहे, अनेकों रंगों से सराबोर खुद को करते रहिये |
होली की शुभकामनाएं ! #Sujit