(वर्तमान परिदृश्य पर कुछ पंक्तियाँ …… ) कानों पर हाथ रख लेने से शोर खत्म नहीं होता, बस कुछ देर तक ही रोक पाते है, अपने आस पास के कोलाहल को । और फिर बन्द कानों के पार भी उतर जाती है वो आवाजें जो उठती है हक के लिए । विरोध के स्वर को […]
Author: Sujit Kumar Lucky
महामारी में मानवीय संवेदनाओं की आवश्यकता …
Follow SOP … Ensure Preventative Measure in COVID-19 !! क्या इतने शब्दों को लिख देना ही पर्याप्त हो सकता महामारी से लड़ने के लिए ; आज जहाँ परीक्षाओं पर पक्ष विपक्ष आमने सामने है | शिक्षण संस्थानों में नामांकन एवं अन्य प्रक्रियाओं का दौर चल रहा है साथ ही साथ महामारी के बढ़ते हालात भी […]
अलविदा सावन – Night&Pen
पूरा चाँद फलक पर है बीते सावन को अब अलविदा कहना है । आज पूरा चाँद जैसे अलविदा कह रहा हो किसी को, भींगे मन में… जैसे कुछ बिछड़ रहा हो कोई गीत जैसे बज कर अब सन्नाटे में खो गया हो । एक गीत जिसे फिर सुनना है उसी फुहारों के बीच, बारिश की […]
फेरीवाले की आवाज .. लॉक – अनलॉक जिंदगी !
गली में आवाजें लगाता वो, माथे पर बड़ी सी टोकड़ी जैसे, सामानों का जखीरा उठा रखा हो । उसकी आवाज़ें कौतूहल से भरी, विवश करती खिड़की से झाँकने को, बच्चे भी ठिठोली करते पुनरावृति में । उम्मीद से भरी वो आवाज की कोई आये, आजकल कोई आता नहीं निकल कर, न उसको घेरकर बैठती मोहल्ले […]
घुटन .. लॉक – अनलॉक के बीच !
इंसान जड़त्व को स्वीकार नहीं कर सकता । इस वैश्विक महामारी ने हमारे अंदर जड़त्व को ला दिया है । खिलाड़ी खेले नहीं, एक्टर अभिनय नहीं करें, छात्र पढ़े नहीं, कर्मी कार्यालय नहीं जा सकते । बच्चे खेलने नहीं जा सकते । मंदिर मस्जिद पूजा अर्चना .. घूमना फिरना … सब पर जैसे कोई ग्रहण लगा […]
लॉकडाउन – Inbox Love ~ 12
लॉकडाउन जैसे सब कुछ थम सा गया एकदिन ; वक़्त जैसे पसरा हो और समेटने को खाली खाली पूरा दिन हो ! लम्बी रातें जैसे लौट आया हो कोई बीता वक़्त, जहाँ कोई बंदिशें नहीं थी, शायद बहुत सारे पुराने यादों की फेहरिश्त उलट रही हो हर दिनों में ! जहाँ वर्षों से संदेशों की […]