बारिश .. छोटा शहर तो तंग हो जाता रोज रोज के इन छीटों से ; हर सड़क हर गलियाँ सनी हुई सी, ऊँघती हुई पुरानी बिल्डिंगें टूटे टूटे दरारों में बारिश की बूंदों ने अपना रस्ता बना लिया था ! बच्चे मायूस हो खिड़की से गुम होते शाम को देखते जा रहे ; आज भी बाहर खेलने जाने का सब प्रयत्न व्यर्थ सा हो गया ; गुस्से से बादलों की अनगिनत कड़ियों की ओर देखता मुँह बनाता हुआ ! कारों के वाइपर बारिश को हटाने का भरसक कोशिश करते हुए दौड़ी जा रही, कुछ गड्ढों में पड़कर जोर से पानी उड़ाता हुआ ; वो साइकिल से जा रहा बच्चा बड़े गुस्से से घूर के देखता रहा नजरे ओझल हो जाने तक ! जैसे रोक के कोई पुराना हिसाब समझता उस कार वाले को ! फिर मस्ती में अपने पैडल मरने में व्यस्त हो जाता !
रात होने को थी, जल्दी में आधा भींगा भागता हुआ चौराहे पर इधर उधर “भैया चलोगे प्रेस जाना है और फिर यहीं आकर छोड़ देना ; रिक्शे वाले ने सुनसान सड़क पर नदारद से सवारी के इन्तेजार में हामी भर दी ; भैया आने जाने का इतने दे देना ; अरे भैया कुछ कम ले लो, जल्दी चलो ; बाबू क्या कम करूँ, इतनी बारिश में.. रात भी होने को आ रही ! ठीक है चलो “कुछ दूर चलने पर ठिठक सा जाता रिक्शे वाला, बाबू रुकिए पीछे से लम्बा सा पॉलीथिन निकाल के वो रिक्शे के एक छोड़ पर बाँध के अपने पीछे डाल लेता और चलने लगता, वो कहता भैया आप भी रख लो सर पर भींग जाओगे ” बाबू आप ठीक से अंदर ढक के बैठो सर्दी लग जाएगी, तबीयत बिगड़ जाएगी ; हमारा क्या .. “हमरा अर के भागों में छ्ये एन्हे रोज तितना क्तत्ते पन्नी ओढ़बए .. आये भोरे से ये बरषा ने चैन ने लेने देने छ्ये” ये कहकर वो आगे पैडल पर अपने पैरों को मारने लगा ! दोनों ओर से पानी की बुँदे उसके बनाये छत से टपक रही थी तो आगे उसके चेहरे पर पसीने और बारिश का विभेद मिटता जा रहा था ! मैं स्तब्ध बस महसूस कर रहा था संवेदना के शब्द बार बार गूंज रहे थे ” बाबू आप ठीक से अंदर ढक के बैठो सर्दी लग जाएगी, तबीयत बिगड़ जाएगी ” !
रात दोनों तरफ सड़कों के बीच भींगे भींगे हरे पेड़ अँधेरे में काले काले किसी डरावाने से चीज के तरह प्रतीत हो रहे थे, गंतव्य पर पहुँचकर उसने एक नोट आगे बढ़ाया और बीच बारिश में चुपचाप भींगता हुआ निकल चला; आज वो भींगना चाहता था एकबार; उसके चारों तरफ अब बारिश के बूंदें नहीं थी, न था चेहरों पर भीगीं सिलवटें बस उसके अंदर एक शोर था .. सन्नाटे को चीरता …. संवेदना का स्वर !!
#SK .. Feelings in Time of Rain !
कमाल का लेख
धन्यवाद !!
thanks for sharing it…