जब प्रकृति नहीं रुकी तो हम क्यों रुके । विध्वंस के ताकतों को बताना होगा हम सृजन के संग है, हमारी उत्कट जिजीविषा ही हमें जिंदा रखेगी । #SK
Category: Two Liners
इश्क़ – 5
अजब कशमकश में घेर लेती ये जिक्र तेरी, हर कोशिश मेरी दूर जाने की कुछ काम ना आती ! #इश्क़ अलविदा से किसी और जहाँ में रह, मैं फिर भी तेरी रोज खबर रखता हूँ । #इश्क़ खामोशी के मायूसी में उसे ढलते देखा, आज किसी इंतजार में उसे जलते देखा । #इश्क़ थोड़ा […]
इश्क़ – 2
इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी .. आओ रूठे से चेहरे को मनायें, इश्क़ है तो वो गिला भी करेगा । #इश्क़ इश्क़ आँखों से कैसे छलके, पेशानी पर शिकन की दरारों में, ये कहीं गुम सी हो जाती ! ! #इश्क़ मेरे सफर की उलझनों में तुम साथ हो, मेरे कदम को अब क्या मुश्किलें […]
इश्क़ – 1
इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी .. वो सुई धागों में उलझी उलझी कहीं, कुछ नए रिश्तों में टाँके लगा रही थी !! #इश्क़ पायलों को नहीं है तहजीब का असर, तुम पांवों को कहो आहिस्ता से चले । #इश्क़ बहुत ही कर ली हमसे शिकायतें तुमने, थोड़ा इस वक़्त को भी दोष दो दूरियों का […]