प्राइम टाइम – पोएट्री व्हेन संसद एडजर्नड

prime time political satire

prime time political satireन चले रे हवा न मिले रे दुआ
रुकी है संसद कैसे बने ये सभा ।

न तूने कुछ किया न मैंने कुछ किया;
करोड़ों की अशरफी कौड़ी में खो दिया ।

बोते बीज बनाते बाँध बचाते बाढ़ ;
खेतों की फसल को अख़बार खा गया,
हर योजना बस ट्विटर पर छा गया !

बरसों से वो मंदिर ही नहीं गया ;
तूने क्या कह दिया उन सबको ;
कल वो अल्लाह और राम पर लड़ गया ।

खाली पेट खाली जेब थी उसकी;
सुबह से कई चक्कर लगा चूका ;
राशन भी तो अब डिजिटल जो हो गया ।

दुहाई भी पड़ी सुनाई ;
रात की कोर्ट भी सजाई ;
बरसो बीते ..
अब तो दिन में भी नहीं देख पाती ;
वो बुढ़िया !
रात दिन क्या बेटे के मौत का मुकदमा ,
अब उसकी मौत ले आ गया !

कोई खड़ा मौत के साथ,
कोई पड़ा मौत के पीछे,
न खोया था तुमने कुछ ..
तो तुम चिल्लाते रहे ..
चीख के जिनकी साँसे छुटी ..
वो कहने से सकुचाते रहे ।

#SK …

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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