जनता की सेवा के लिए हो गया,
पिता पुत्र में भी तकरार,
ये है यूपी का चुनाव-प्रचार !
इधर के उधर गए,
और उधर के नजाने किधर गए,
मिल बैठे सब नदियों जैसे,
धूल गए पुराने कर्म और विचार,
ये है यूपी का चुनाव-प्रचार !
घी-तेल सब चुपड़े खायेंगे,
अब कोई क्यों करे व्यापार,
माटी छोड़ अब मंदिर महल बनेंगे,
अब राम जी का ही करेंगे ये बेड़ा पार,
ये है यूपी का चुनाव-प्रचार !
न कोई ऊँचा न कोई नीचा,
जपते रहे विधि के सरताज,
वोटर है अब भाई भाई,
घर में पड़ी वोट की मार,
ये है यूपी का चुनाव-प्रचार !
#SK