A Thank You Note !!

कार्यस्थल भी एक परिवार है ! हम अपने जिंदगी में कितना वक़्त कार्यस्थल पर व्यतीत करते ; मेट्रो शहर में एक ही तो धुन होती सुबह उठ के कार्यस्थल की ओर ; पूरा दिन ; दोपहर ढलती शाम और घिरती रात तक अपना जीवन व्यतीत करते ; कार्यस्थल जीवन का अभिन्न अंग बन जाता इसे कैसे नकारा जा सकता ! कार्यस्थल के साथी जीवन से जुड़ते ; जीवन की हर बात साझा करते ; हँसते मनाते जीवन यहाँ बीतता कुछ मेट्रोनमा के साथ बनते कुछ अंतरंग मित्र !

आज जीवन के एक पड़ाव पर कार्यस्थल से विदाई का भावुक क्षण था ; यहाँ आप अपने केवल प्रतिभा और काम के लिए ही नहीं जाने जाते ; अन्य साथी के साथ आपका बर्ताव और सहयोग की भावना भी आपको सबसे जोड़ती ! दूसरों को प्रोत्साहित करना ; उनको अपने जीवन की दिशा चुनने में मदद करना भी एक जिम्मेदारी है ! सभी मित्रों के विदाई संदेश ने मन में ख़ुशी दी की ; शायद मैं उनके जीवन में कुछ अमिट हिस्से छोड़ने में कामयाब रहा !

कार्यस्थल जीवन के निरंतर प्रवाह का सूचक है ; रोज नई जिम्मेदारियाँ के निर्वाह के लिए खुद को तैयार करना ; अपने ज्ञान को निरंतर विकसित करने के लिए प्रयत्न करना और चुनौतियों के समक्ष खुद के सामर्थ्य को साबित करना ! यहाँ प्रयत्न भी है ; कभी निराशा भी है ; कभी आशा भी है ; कभी संवाद भी है ; कभी विवाद भी है ; कभी प्रतिस्पर्धा है तो कभी समझौता भी है ! ये इस जगह की खूबसूरती है ; जिंदगी के महत्वपूर्ण हिस्से का रंगमंच जहाँ हम बेहतर इंसान बनते ; सीखते, समझते !

जीवन के इस पथ पर नये आयाम जुड़ते ; आज इसी नये आयाम के क्रम में अपने वर्तमान कार्यस्थल से किसी नये दिशा में अग्रसर होने के पूर्व मन में मिश्रित भाव थे ; कई यादें थी ; कुछ किस्से थे कुछ बातें थी ; कुछ साथी थे जो पीछे छूट रहे थे ! आने वाले कल के प्रश्न थे मन में संशय था लेकिन आपलोगों के संदेशों ने मन में ऊर्जा दी है की जीवन में बेहतर और कुछ नया करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ और रहूँगा ! भले कार्यस्थल एक ना हो लेकिन मन में संबंध बने रहेंगे !

आप सभी के स्नेह के लिए धन्यवाद ! Grapes Digital में काम करना एक अनूठा अनुभव रहा ; मन में कई स्मृतियाँ यहाँ की जीवन पर्यन्त बनी रहेगी ! सभी साथी को उनके सुनहरे भविष्य की शुभकामनायें !

IMG-20150503-WA0004

IMAG0975

 

IMAG0974

 

जो बिखरने का हुनर तुम्हें मालूम है दोस्त ;
एक दिन तू जरूर बनाएगा बुलंदी की इमारतें कई !!
#SK

#सुजीत

 

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

View all posts by Sujit Kumar Lucky →

2 Comments on “A Thank You Note !!”

  1. एक दिन तू जरूर बनाएगा बुलंदी की इमारतें कई !! सुनहरे भविष्य की शुभकामनायें !

Comments are closed.