एक पेड़ – Life of a Tree
उफ्फ तक नहीं करता बदलते मौसमों से, डटा तना पत्थर सा बन खड़ा रहता ; हरपल हरयाली बन मुस्काता रहता ; ये बिखरे बिखरे शाख ही मेरा अक्स है ! …
एक पेड़ – Life of a Tree Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
उफ्फ तक नहीं करता बदलते मौसमों से, डटा तना पत्थर सा बन खड़ा रहता ; हरपल हरयाली बन मुस्काता रहता ; ये बिखरे बिखरे शाख ही मेरा अक्स है ! …
एक पेड़ – Life of a Tree Read Moreकल का नशा आज चेहरे पर, धीमे धीमे आँखों से उतर जाता ! दिन की थकन रात की आगोश में जाती; सुबह होती और फिर सब संवर जाता ! बिखरा …
कल का नशा …. #SK Read Moreदेखो ख़ामोशी का मौसम फिर आया, थोड़ी मायूसी संग फिर लौट आया । बुँदे बिखर कर अब कुछ ना वो बोले, अब मेरी खामोशी कैसे लब खोले । बेरुखी धुप …
ख़ामोशी का मौसम – Seasons Of Life Read Moreइस शहर . . उस शहर, जिन्दगी होती बसर, रेत मिट्टी धूलों का रस्ता, सबकी मुझको है खबर । एक मुट्ठी आसमां, आँखें करती सब बयाँ, नींद ख्वाब मन को …
इस शहर .. उस शहर !! Read MoreOn rooftop .. white lampost reminding some memories of relive days .. some solitude moment when i put hands on railing of rooftops and keep looking this night lamps … …
Life @ Rooftop #ZindgiLive Read Moreअलविदा अधुरा ना होता वो, जो तेरे जिक्र में मैं ना नजर आता । फिर ना फिक्र उमड़ती मुझमें, जो तु अधुरा ना नजर आता । बेफिक्र ही गुजर जाता …
अधुरा अलविदा …. Read More