सरहदें – Wound of Kashmir
दो अपनों ने मिल के उड़ाया था, कभी उस सफ़ेद कबूतर को । दो अपनों के घरों के बीच ; उसे सरहदों का क्या पता था । खुली आसमानों और …
सरहदें – Wound of Kashmir Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
दो अपनों ने मिल के उड़ाया था, कभी उस सफ़ेद कबूतर को । दो अपनों के घरों के बीच ; उसे सरहदों का क्या पता था । खुली आसमानों और …
सरहदें – Wound of Kashmir Read More“हकीकत” फिल्म से भूले बिसरे गीत में रफ़ी साहब .. मैं ये सोच कर ये उसके दर से उठा था ; की वो रोक लेगी मना लेगी मुझको ; हवाओं …
मैं ये सोच कर ये उसके दर से उठा था .. (भूले बिसरे गीत) Read MoreYour little face ; Like a flower in the morning ; You might recognize me from afar ; When I see you, as hiding your head in the lap of …
Your Little Face …. Poem for Little One !! Read Moreफिर देर से .. दिन ही नहीं रात गुमशुदा सा लगता है ; ये जिंदगी की कैसी किश्तें अदा कर रहे ; वो जो मायूस सा सहयात्री है अजनबी ही …
फिर देर से ..Late again when I get home !! Read Moreदुआ लब्जों में समेटे, दिल में कई जस्बात है ! ना रूबरू हो सके कभी, इस सफर में ना कोई पास है ! कुछ शर्त ना थी साथ आने की, …
इस बरस की क्या क्या सौगात है … Memories never die ! Read Moreगिरह ऐसी भी नहीं थी की टूट जाती, हाँ कुछ बन्धन जो वक्त, मायूसी, खामोशी के थे ..सब आजाद है अब ! मैं इस इल्जाम का इतना भी हक़दार नहीं …
गिरह – Knot of Life : #Night & #Pen ! Read More