खामोशी ….

silence chaos hindi poem
silence chaos hindi poem

कभी कभी खामोशी में भरते हुए
यादों के चेहरे बुनते जाना,
कभी कभी लंबी सी भागदौड़
के बाद चुपचाप बिना बोले
सन्नाटे में खोजना खुद को
देर तक कहीं बैठे रहना
या ऊंघना कुछ कुछ देर पर
आधे अधूरे नींद को आंखों में लिए
कुछ देर के लिए भूल जाना दुनिया को
ना संवादों की इच्छा करना
ना किसी से मन हो बातें सुनने का
लम्बे सफर पर थोड़ा विराम सा
वहम है या जरूरत मन की
कुछ यादों से खुद को निकाल पाना ।।

#InsanePoet

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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