तुम्हारा लौटना

कुछ दिनों के खामोशी के बाद
तुम्हारा लौटना ऐसे है जैसे
तपते हुए किसी महीने के बाद
लौटता हो बारिश का मौसम
उमड़ते हुए मेघों से भरा आसमां
फुहारों से भींगे हुए सब रास्ते
धुली हुई पत्तियां धुले धुले से फूल
चारों तरफ गीली जमीं की
एक अजब सी भरती खुशबू ।

मिट्टी पर गिरती हुई बूंदों की तरह
उतर जाती तर कर जैसे हृदय में प्रेम,.
खामोशी के कुछ शब्द और सुकून
तुम्हारा लौटना है ऐसे ।

#SK

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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