कुछ दिनों के खामोशी के बाद
तुम्हारा लौटना ऐसे है जैसे
तपते हुए किसी महीने के बाद
लौटता हो बारिश का मौसम
उमड़ते हुए मेघों से भरा आसमां
फुहारों से भींगे हुए सब रास्ते
धुली हुई पत्तियां धुले धुले से फूल
चारों तरफ गीली जमीं की
एक अजब सी भरती खुशबू ।
मिट्टी पर गिरती हुई बूंदों की तरह
उतर जाती तर कर जैसे हृदय में प्रेम,.
खामोशी के कुछ शब्द और सुकून
तुम्हारा लौटना है ऐसे ।
#SK