आओ मिलो सुबह से ….
आओ मिलो सुबह से कभीहल्की सी रोशनी अंधेरों के बीचऔर पंछियों की कलरव हो । ये सभी पेड़ पौधे आतुर से मिलेंगेपूरी रात अकेले गुमसुम से थे खड़े । थक …
आओ मिलो सुबह से …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
आओ मिलो सुबह से कभीहल्की सी रोशनी अंधेरों के बीचऔर पंछियों की कलरव हो । ये सभी पेड़ पौधे आतुर से मिलेंगेपूरी रात अकेले गुमसुम से थे खड़े । थक …
आओ मिलो सुबह से …. Read Moreदूर क्षितिज के एक छोड़ पर नदी किनारे शाम ढलती हुई ऊपर चाँद की दस्तक है ऐसे जैसे ठिठक गया है वक़्त रात और दिन के बीच कहीं इस अनवरत …
प्रकृति की ओर .. Read Moreइस शाम में उदासियाँ लपेट मैं चुपचाप यूँ ही कहीं .. खामोशियों से लड़ते हुए, थककर बहुत ऊब कर बैठा हूँ … नदी के किनारे कुछ दुर से, बलुवा जमीन …
इस शाम में उदासियाँ लपेट मैं …. Read Moreबचपन में इस मंदिर में आके हाथों को ऊपर करके इसे छूने का प्रयत्न करते थे ; तभी पीछे से कोई आके गोद में उठा के हाथों को पहुँचा देता …
मंदिर की घण्टियाँ ….. Read MoreJourney Begin …. चकरी … बैलून … 10 रूपये का मेला । वक़्त की रफ्तार बहुत तेज है । जिन्दगी भी तेज चली हो जैसे ….#memoirs सुप्रभात …. एक …
Visit to Home Town – (Photography) Read MoreOn rooftop .. white lampost reminding some memories of relive days .. some solitude moment when i put hands on railing of rooftops and keep looking this night lamps … …
Life @ Rooftop #ZindgiLive Read More