इन इंसानों के बीच इक इंसान चुनों …
दौर बीत जाता हुक्मरानों को बदलने में,
आने वाली पीढ़ी का आज अंजाम चुनों !!
ना मजहब ना मुक्कदर को चुनों …
सपनों को जीने वाले इन आँखों में,
अपने सा कोई निगेहबान चुनो !!
इन इंसानों के बीच इक इंसान चुनों !
– सुजीत
#PledgeToVote – http://www.google.co.in/elections/
सरकारें बदलेगी, नेता बदलेंगे मुद्दें बदल जाएँगे, पर हमारे वोट से मजबूत होगा हमारा लोकतंत्र !
देश के इस विशाल महापर्व में अपनी भागीदारी दें ! वोट करें .. स्वतंत्र होकर .. विवेक से !!
nice lines…that’s the need of the nation that writers, poet or anyone who can deliver, must do the job for better change in the country…!
Adbhut likha hai Sir!!!
krantikari nahi kaha shukr hai ….