दिसम्बर, धुंध, सिमटी रातें …
दिसम्बर की कुछ यादें !
जल्दी जल्दी शाम का ढल जाना ; हाँ हर बदलता मौसम यादों को भी तो बदल देता ; ये शीत में धुलती रातें, सुने से सड़कों पर धुंधली पड़ती रौशनी ! किसी साल से इसी मौसम की कुछ बातें याद है ? जैसे खुद से ही सवाल कर रहा वो और खुद ही जवाब भी सोच रहा ! किसी यादों में खो जाता वो, कुछ संवाद सा उसके अन्दर चल रहा जैसे …
— इनबॉक्स में —
अच्छा है बहुत ;
क्या अच्छा है ?
स्वेटर लाल रंग का जो फेसबुक पर पिक अपलोड की है !
अच्छा क्या ख़ास है ?
बस जैसे ये स्वेटर तुम्हारे लिए ही बना है ; लाल रंग के स्वेटर में लिपटी सादगी !
हम्म …
आगे कुछ जवाब नहीं मिला !
कुछ रुककर फिर वो कहता पोंड्स का एड कितना अच्छा है न रिश्तों की गर्माहट ; इस मौसम में याद दिलाती !
क्या याद दिलाती ?
जैसे बच्चे से मासूम चेहरे को हाथों से छूना !
हम्म … और कुछ तारीफ में शब्द है ?
शब्द तो प्रेरणा है जो इस सादगी से मिलती ; ये कभी खत्म नहीं होगी !
हर हमेशा कवि और कविता, कैसे सोच लेते इतना !
बस सोच लेता ; कैसे ये सोचा नहीं कभी . .
ओके ओके – आज के लिए इतना ही ;
बीच में रोका उसने – सुनो एक बात थी !
ठण्ड बढ़ रही दिसम्बर में ; वो लाल स्वेटर और लाल स्कार्फ बांध के जाना ! सॉरी लाल टोपी 😛
सो फनी 🙂 स्माइली के साथ !!
जैसे किसी ख्वाब से उठा हो वो ; रात बीतने को आ रही थी ; खाली चैट विंडो ; वही दिसम्बर की रात फिर … नींद की आगोश ! लम्बी सांस लेके बोलता “नाउ इट फील्स लाइक दिसम्बर; अनफोरगेटेबल दिसम्बर” !!
#SK in Inbox Love … With Essence of Winter 🍂🍂
3 thoughts on “Love in December – इनबॉक्स लव ~13”
gyanipandit
(December 7, 2015 - 8:10 am)very nice and lovely
Siya ram sharma
(December 15, 2015 - 6:17 am)दिसंबर की ठंडी रातों का शब्द चित्र बहुत सुन्दर,मन की उन सुहानी रातों और मफलर,स्वेटर में लिपटी सुबह की कुनकुनी नरम धूप का सुख दे गया।
यहाँ मुम्बई की रातों में यह सुख कहॉं?
Sujit Kumar Lucky
(December 16, 2015 - 6:40 pm)शुक्रिया !!
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