Unmet Friend – Love in December !
जहाँ कोई संवाद नहीं है वहाँ कौन सी संवेदना है जो जोड़ती है दो अनजान कृत्रिम आयाम में दो शख्सों को ! एक दिन अखबार में पढ़ा दूर दूर सुदूर …
Unmet Friend – Love in December ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
जहाँ कोई संवाद नहीं है वहाँ कौन सी संवेदना है जो जोड़ती है दो अनजान कृत्रिम आयाम में दो शख्सों को ! एक दिन अखबार में पढ़ा दूर दूर सुदूर …
Unmet Friend – Love in December ! Read Moreदिसम्बर, धुंध, सिमटी रातें … दिसम्बर की कुछ यादें ! जल्दी जल्दी शाम का ढल जाना ; हाँ हर बदलता मौसम यादों को भी तो बदल देता ; ये शीत …
Love in December – इनबॉक्स लव ~13 Read Moreसर्द हवाओं ने ये महसूस कराया; फ़िक्र लौट आयी थी उनकी आज ! फिर कुछ सरसरी हवा छु गयी होगी, फिर अब बचपन लौट गयी होगी ! ना मानी होगी …
शीत की आँगन ! Read Moreस्पंदन मात्र भी नहीं था चेहरों पर, विस्मित ना हुए नयन भी थोड़े भी, बड़ी ही क्षणिक अनुभूति सी थी.. जैसे पथराये से आँखों को छु गयी, एक झलक सहलाती …
आहट सी हुई … Read More