गैस पानी की लाइन में,
हम कागज़ लेकर जायेंगे !
मुफ्त की सब्सिडी पाने को,
हम कागज़ को दिखायेंगे !
दुष्प्रचार को करने को,
मुँह ढक-ढक कर आयेंगे !
मेट्रो-बस जलाने को,
अपना अधिकार बतायेँगे !
हर बात पर हर दिन,
संविधान को खतरे में बतायेंगे !
थोथी-थोथी बातें कर बुद्धिजीवी कहलायेंगे,
देशहित की बातों पर अपना पीठ दिखायेंगे !
जो दिन रात हमारी रक्षा करते,
उसपर पत्थर को बरसायेंगे !
हम पत्थर भी खाके,
सहनशील बन जायेंगे !
विरोध जताना वाजिब है,
देश जलाना साजिश है,
हम जन-गण-मन को गायेंगे,
ऐसे लोगों को गलत ठहरायेंगे !
जय हिन्द !