चुनाव सन माइनस २०१४ …

बहुत ही अदभुत मेला लगा है इस रियासत में.. इक राहगीर ने चलते हुए पूछा क्या कोई उत्सव है;
भाई पुरे पाँच साल के बाद ये आया है, कहने वाले कहते महाकुंभ भी कुछ नहीं इसके सामने ..
इक बार जो जीत जाते फिर पाप पुण्य का भेद खत्म उसके लिये, वो मोक्ष से भी ऊपर का स्थान पा
लेता ! राहगीर भी उत्सुकता से चलों में भी देख के जाता मेला ! और वो वहीँ उसी रियासत में रुक जाता …

क्रमशः ..

माइनस २०१३ की बात थी, कहते है इस रियासत के वैज्ञानिकों ने मोक्ष नगरी के ऊपर ग्रह की खोज के लिये यान बना लिया था,
पर आज बहुत मुश्किलों में थी, उनके सामने कठिन चुनौती थी, रियासत के हुक्मरानों का आदेश था चुनाव माइनस २०१४ के पहले
इक ऐसा मशीन बनाये जो हर जनता के खून के नमूनों से जाती धर्म का पता कर सके ! आखिर इक दिन बन भी गया ऐसा यंत्र;
अब सब जगह इसका इस्तेमाल स्कूल में दाखिला खून जाँच से, कॉलेज में दाखिला, ट्रेन की टिकेट या क्रिकेट का विकेट !
खून जाँच कराओ धर्म जाति का ब्लड ग्रुप रिपोर्ट बताओ और छुट पाओ ! बड़े बड़े प्रचार के साथ चुनाव से पहले अपना खून जाँच
अवश्य कराए, उमीदवारों की ब्लड ग्रुप रिपोर्ट सार्वजनिक उपलब्ध है, मिलान करके ही वोट दे !

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ऐसे रियासत बहुत विद्वानों से भरा हुआ था, अंदाजा लगा सकते जो खून से जाति धर्म पता करने की मशीन बना सके !
लोग ट्विटर {इक यांत्रिक सोशल सम्मलेन का मशीन } पर भी अपने नाम के साथ लिखने लगे अपना ब्लड ग्रुप;
नाम – देसभक्त आँधी (ब्लड ग्रुप- #रईस_दरिद्र) … इतना ही नहीं आपका ब्लड ग्रुप कितने तत्वों को बताता ..
जाति – रईस_दरिद्र
धर्म – क्या_तुम_हो_भगवान?

रियासत के हुक्मरानों ने पूरा रिपोर्ट जमा करके पता कर लिया की इस बार इस ब्लड ग्रुप वालें को इतना मिलेगा,
इसकी बहुमत, किसकी दोमत ! इक दूसरे पर जम के दोषारोपण .. इसने ये नही किया ; इसने वो नहीं किया !
टीवी पर समाचार सुनते सुनते कुछ लोग भूल जाते थे की ये किसके बारें में कह रहे तो किसी को आवाज लगाते अरे मेरा
ब्लड ग्रुप रिपोर्ट लाना में किस जाति का हूँ भूल गया इनके समाचार के चक्कर में !

राहगीर चलता चलता सोचता जा रहा था .. क्या सचमुच हमारे खून में जाति धर्म छिपा रहता;
वो इक मैदान के पास पहुँच जाता, बड़ी भीड़ थी, पूछा कोई महापुरुष का प्रवचन हो रहा क्या;
नहीं भाई चुनाव रैली है .. अपना ब्लड ग्रुप बताओ प्रवेश मुफ्त में मिलेगा … राहगीर क्या कहता उसका खून तो आम इंसानों का था चुप रह गया ;
इक दीवार पर खरे हो कर भाषण सुनने लगा, और तभी भीड़ में मच जाति है भगदड़, राहगीर दीवार से गिर जाता, उसके सर से खून निकल रहा, वो बेहोश
परा, अरे भाई इसका ब्लड ग्रुप पता करो ये हमारे धर्म का है इसे इस अस्पताल में भर्ती मिलेगी ..
कुछ देर बाद वो अपने आपको इक अस्पताल में पाता, डाक्टर कह रहे इसके खून की जाँच करो इसके खून देना पड़ेगा ;
कम्पाउंडर जाति जाँचने वाले मशीन के तरफ नहीं असली जीवविज्ञानी जाँच से कहता .. बी+ इंसान का; वहीँ पर इक आदमी ट्वीट करता
बी+ इंसान का खून चाहिए कोई भी जाति धर्मं चलेगा … कुछ लोग आते इस मशीन से खून मेल खा जाता और राहगीर बच जाता !

राहगीर कोई और नहीं हमारे बीच का कोई इंसान है और कह रहा ये चुनाव २०१४ नहीं चुनाव सन माइनस २०१४ है कितने पीछे जा रहे अनवरत …
ये खून तो मेल खा गया .. पर जाति धर्म वाला खून कब मेल खायेगा .. स्वयं विचार कीजये …

# सुजीत

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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