इश्क़ – 5

Love Two Liners Poetry By Sujit

अजब कशमकश में घेर लेती ये जिक्र तेरी,
हर कोशिश मेरी दूर जाने की कुछ काम ना आती !
#इश्क़

Love Two Liners

अलविदा से किसी और जहाँ में रह,
मैं फिर भी तेरी रोज खबर रखता हूँ ।

#इश्क़

Love 2 Liners

 

खामोशी के मायूसी में उसे ढलते देखा,
आज किसी इंतजार में उसे जलते देखा ।
#इश्क़

थोड़ा कठोर दिल और थोड़े नरम दिल के बीच में जो हिस्सा है इश्क़ जरूर वहीं से होता है ।

#यूँही #इश्क़

Love text Short

तुम बेरुखी से कहते याद नहीं आती,
ये मेरी हिचकियाँ तुम्हें झूठा बनाती है ।

#इश्क़

love lines by sk

मैं खामोशियों को ओढ़ के इत्मिनान में हूँ,
तुम सब कह के भी बेचैन से हो ।
#इश्क़

मैंने शब्दों के ढेर में कुछ बात रख दी,
बस तुम उस अंबार में इश्क़ ढूँढ लेना ।
#इश्क़

love micro poetry

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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