इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी ..
इस आदतन ख़ामोशी की वजह इतनी है, तुझे कुछ कहके दिल अपना दुखा लेता ।
#यूँही #Ishq
बस चिट्ठियों को मिले मुक्कमल पता, लिखने से कब गुरेज रखा किसने !
तेरी यादों के साथ जो सुबह हुई,
उसमें उजाले बहुत है … #इश्क
बेवजह जो हरपल फ़िक्र करता मेरी, सबसे मैंने उसका ताल्लुक छुपाया है ! #इश्क़
जैसे रोशनदानों में जगह धुप की किरण ढूंढ लेती है,
वैसे ही हर सुबह उसकी हँसी मेरा पता ढूंढ लेती है ।। #इश्क़
जलन होती है उसे मेरे शब्दों को कोई पढ़े,
अब उसे नज्म में ढलने की चाहत सी हुई है ।
#इश्क़
अब उसे रुठने और मनाने का तरीका आया,
अब उसको प्यार करने का सलीका आया !
#इश्क़
कभी जिद तो कभी ख़ामोशी में रहती, शायद इश्क़ ऐसे ही संवरती .. #इश्क़
रात पर सोयी नहीं, लाल है उसकी आँखें, नया इश्क़ है लगता ।
#इश्क़
रूठ कर वो पत्थर सा हो जाता, इश्क़ है पिघल कर मोम भी होगा !
#इश्क़
उसने नकारा कई दफा .. इश्क़ नहीं मुझे ;
कुछ इश्क़ जैसा था,
जो उसके चेहरे पर नजर आया था ।
#twoliners #love
समझेगा वो जिंदगी के जिरह भी, अगर उसे इश्क़ होगा तो … #इश्क़