कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा की जिंदगी “Resident Evil” जैसी हो जाएगी । T- virus या Corona हम इंसान शायद जानते थे ऐसा कुछ हो सकता है, आज चलचित्र की कल्पना यतार्थ हो काल के समान मुँह बाये है । ऐसा लगता हम मानव ने ही मानवता की सबसे बड़ी हानि की है ।
विज्ञान के तरक्की पर हम अपनी पीठ थप-थपाते है, चाँद मंगल पर भी पहुँच जाते है, लम्बी दूरी की मिसाइल बनाते और हजारों लोगों को मारने का दावा करते । परमाणु बम से लेके हाइड्रोजन बम बनाते, एक बार में पूरे देश को खत्म कर देने की बात करते । पानी के ऊपर पानी के अंदर मार करने वाले पनडुब्बी बनाते, हवाई में मार करने वाले फाइटर जेट्स बनाते, रडार सोनार लेजर गाइडेड मिसाइल टाइम बम तक का निर्माण करते लेकिन मानव को असाध्य रोग से बचाने में कितने पीछे रह जाते है । कैंसर, HIV नजाने कितने रोगों में हम वहीं के वहीं है मरते देखते टूटते देखते उम्मीदों को । इस वैश्विक चुनौती ने सफाई, स्वास्थ्य, जीवनशैली और सामुदायिक व्यवहार व दिनचर्या के कई सवालों को हमारे समक्ष ला दिया है । परिवहन से लेके खानपान यहाँ तक की रोजमर्रा की आदत इसके साये में है ।
दूर देश के हालात को देख करेजा मुँह को आता है । अर्थव्यवस्था धड़ाम, स्कूल कॉलेज बंद, ऐयरस्पेस बंद, मिलना जुलना बंद, सोशल कार्फ़ुय, हताशा निराशा पसरा पूरे विश्व में ; भ्रम डर के साये में जीने को मजबूर । ना देश न धर्म न जाति बस इस क़दर पूरा विश्व इसकी जद में आया की जैसे कोई बुरा सपना हो । शायद पूरे जीवन काल में ऐसी आपदा बहुतायत में से किसी ने नहीं देखी होगी की लोग अपने घर में क़ैद है ऐसे अनजान ख़तरे से जो हवा में है, एक दूसरे से शरीर में घुसता और अपना शिकंजा कस लेता । ईश्वर के पट बंद हो गये .. सड़कों पर सन्नाटा पसरा है । कब तक पता नहीं , बस आँकड़ों में देखते अपने इर्द गिर्द उठते इस काल के गाल को । हम इंसान ही है जो हारते नहीं लड़ते है गिरते है फिर खड़े होते । आइए सोशल डिस्टेंसिंग अपनाए, घर पर रहे, भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचे, कुछ दिन का संयम पूरे देश को बचा सकता । हमारे हाथ में इसे बढ़ने से रोकना, सतर्क संयमित बने रहिए सुरक्षा उपायों का पालन करिए और हौसला बनाए रखिए लोगों में ढाढस बढ़ायें । मानव समाज की इस चुनौती से लड़ें सरकार का सहयोग कर ।
आज पूरा विश्व एक वायरस के साये में इस कदर जी रहा जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी । आइसोलेटेड होना लॉकडाउन होना मौत सन्नाटे के बीच है हमारी जिजीविषा, सभी चुनौतियाँ से निकल कर फिर एक नए सुबह की उम्मीद । वो सुबह कभी तो आयेगी ।
#Sujit