लॉकडाउन जैसे सब कुछ थम सा गया एकदिन ; वक़्त जैसे पसरा हो और समेटने को खाली खाली पूरा दिन हो ! लम्बी रातें जैसे लौट आया हो कोई बीता वक़्त, जहाँ कोई बंदिशें नहीं थी, शायद बहुत सारे पुराने यादों की फेहरिश्त उलट रही हो हर दिनों में ! जहाँ वर्षों से संदेशों की […]
Tag: Night & Pen
जिंदगी और किताब – Night & Pen
ऐसे ही बात शुरू हुई जिंदगी और किताब की … सब कुछ कहीं न कहीं सोचा गया होगा, या कोई किताब होगी जिन्दगी की किताब जिसमें लिखा होगा कौन किसके जिन्दगी में कितना अपना किरदार निभाएगा और कैसा किरदार ! ये वक़्त, बातें, सब के अपने पन्ने होते होगे ! पन्ने उलटते ही किसी का किरदार […]
Atonement of Words – IN Night & Pen / Inbox Love -8
एकदम रात का सन्नाटा, ध्यान से सुनो, दिन के दबे सिसके बातों की प्रतिध्वनि; कहीं ख्वाब जलने की तो कहीं उम्मीद सुलगने की गूँज ! उस दिन काफी खामोशी के बाद जब उसने कुछ सुना; वक्त की झुंझलाहट शब्दों में उतर गयी उसके; और … बात ; .. शब्दों में टूटे हुए मन को कैसे […]
Life @ Rooftop #ZindgiLive
On rooftop .. white lampost reminding some memories of relive days .. some solitude moment when i put hands on railing of rooftops and keep looking this night lamps … Thoughtful discovery of who i am, what i have to seek from life .. yet the discovery of life started or not ! Where my […]
बोझिल शाम से सुकूने रात – पुरानी जीन्स के संग !!
बोझिल शाम से सुकूने रात और पुरानी जीन्स का सफ़र कुछ इस तरह है की … रोज ही ये सफ़र शुरू होता और रोज ही हमें चलते इस तरह जब मन में कुछ सिकन सा और ऐसा लगता ! “वक्त ने किये क्या हँसी सितम, तुम रहे ना तुम हम रहे ना हम.. जाये हम […]
Seashore – Night & Pen
इच्छाशक्ति से ऊपर अब कोई क्या प्रयास किया जा सकता था; बार बार रेतों को ले जातें ज्वार भाटें, सागर के तटों को कभी मिटा पाए क्या ? फिर अगली लहरों में कुछ रेतें लौट आती है,मन को कहता हूँ कुछ यादों को रेतों के तरह बह जाने दो; लहरों को नहीं रोका जा सकता,ये शास्वत […]