विस्तृत गंगा कछार का भूभाग, शहर का कंक्रीट जंगल खत्म हो मिल जाती है प्रकृति से जहाँ, अतुल्य भारत के मक्का गेँहू से झूमते खेत ।
एक ओर विश्वविद्यालय परिसर का रवींद्र भवन
भागलपुर प्रवास के दौरान रविन्द्र नाथ टैगोर रविन्द्र भवन में रूके थे और गीतांजलि के कुछ पन्ने यहीं लिखे थे. रविंद्र भवन (टिल्हा कोठी) अंग्रेज काल में भागलपुर के डीएम का निवास स्थान था ।
Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज