जिंदगी ऑनलाइन ……

टीवी पर कोई कार्यक्रम ना भी देख पाये कोई बात नहीं ..
पर ऑनलाइन नोटीफिकेशन ना मिस हो .. ये ट्विट्रर फेसबुक की दुनिया !
कितना भी कह ले आभाषि छद्म पर इन तस्वीरों से बने सजे प्रोफाइलों के पीछे कोई शख्स
होगा ही जो सोचता, बोलता, लिखता, रोता .. हँसता .. कुछ उसके ख्वाब होंगे !
कुछ झूठी सच्ची बातें बयाँ करता हुआ ऐसी ही है जिंदगी ऑनलाइन !!

आइये कुछ बातें इसी जिंदगी ऑनलाइन से टेक चौपाल पर ..
ऐसे ब्लॉग विचार .. फेसबुक प्रचार के रंगों में दिख ही जाते .. वहाँ की भी कहानी है पर आज अभी बात ट्विट्रर की;
कम ही ट्वीट करते थे, कभी कभार ब्लॉग पर कुछ लिखा तो लिंक शेयर कर दिया !
पर परिचय कुछ खास नही लगाव कुछ खास नहीं बस ऐसे किसी सेलेब्रिटी को फोल्लो कर लिया और सो गये !
फिर कुछ खास लगाव सा जगा, लोगों से जुरा .. जाना वो क्या कहते सुना बहुतों को !

online-jindgi

NDTV वालें रवीश जी इसे कहते माइक्रो फिक्शन लिखता हूँ ….

सेकेंडों में रफ्तार है शब्द में बंधन है १४० का इसमें आना है और अपना किरदार निभाना है;
ऐसे ही लोगों से जुरते हुए एक गुरुदेव मिल गये ट्विट्रर पर .. मास्टर साब कहता में उनको ..
ऐसे कभी मन अशांत वाले शब्दों को लिखता .. उनका जुमला रहता जिंदगी कटती फटती रहेगी;
एक चंद शब्दों में बड़ी बात कह देते हो .. तभी तो गुरुदेव है, देखिये वो क्या कहते ..

@master_saab : @sujit_kr_lucky जो चलता रहे और कटता रहे, वही तो जीवन है।
चलना ही ज़िंदगी है, चलती ही जा रही है ………………:)

@sujit_kr_lucky चलते रहना चाहिए। भेड़तंत्र का यही तो आनन्द है 🙂

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दूसरे अवतार है डॉक्टर साहब .. मेरे महाभारत ज्ञान पर बहुत टांग खींचते मेरी देखिये वो क्या कहते ..

@Doc_Sahab :

@sujit_kr_lucky प्रणिपात लकी भाई ! आज तो महाभारत हम भी आधा घंटा उखारे हैं ।
द्रौपदी को रोल जिस लड़की ने किया उसका असली नाम पता हो तो बताइये !

@sujit_kr_lucky गुड मॉर्निग लकी भाई । कैसे चला रहें है महाभारत आजकल ?

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ऐसी ही कहीं ज्ञान मिलता, कहीं हँसी मजाक, कभी दूरदर्शन के जमाने में खो जाते कभी शोले मूवी के पात्रों में,
कभी शाम को चौपाल में कुछ शेरो शायरी होती तो कभी किसी ढलती रातों में यादों के पुराने किस्से ;
कितने बाबा का कलयुगी प्रवचन बंटने लगता .. ऐसी कई रंगों में रंगी सनी सी है जिंदगी ऑनलाइन…
ऐसे कई लोग जिसे हम ना देखते ना मिलते … हाँ एक आयाम में तलाशते उनके बातों से उन्हें !
क्या होगा जब जिंदगी ऑनलाइन से कोई रुकसत हो जायेगा उसेक बातों से उसे खोजा जायेगा ?
उसे तलाशा जायेगा ? उसकी कमी महसूस सी होगी सोचए तबतक यूँ ही जिंदगी ऑनलाइन चलती ही रहेगी !

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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