“हकीकत” फिल्म से भूले बिसरे गीत में रफ़ी साहब ..
मैं ये सोच कर ये उसके दर से उठा था ;
की वो रोक लेगी मना लेगी मुझको ;
हवाओं में लहराता आता था दामन ;
की दामन पकड़ कर बिठा लेगी मुझको ;
कदम ऐसे अंदाज से उठ रहे थे की ;
आवाज देकर बुला लेगी मुझको ;
मगर उसने रोका ना, ना उसने मनाया ;
ना दामन ही पकड़ा ना मुझको बिठाया ;
ना आवाज ही दी ना वापस बुलाया ;
मैं आहिस्ता आहिस्ता बढ़ता ही आया ;
यहाँ तक की उससे जुदा हो गया मैं !!
“Main Yeh Soch Kar Uske Dar Se” – The greatest ever Song / Ghazal from movie Haqeeqat in 1964. The trio of Madan Mohan, Kaifi Azmi, Mohd.Rafi has given the most beautiful Ghazal of all the time. A Evergreen Gem by Md. Rafi