रात की बारिश ..कितनी रफ्तार में .. लेम्प पोस्ट की उजली पीली रोशनी में जब टकराकर, उसकी फुहारों जैसी बिखरी बिखरी बुँदे अलग होती हुई छोड़ती हुई साथ अपना ! कैसी सुनसान सड़क रात की बारिश की .. कदम जैसे थके से .. जैसे भीगे भी जी भरकर .. या बूंदों के शोर से तेज क़दमों से कहीं दूर सफर की ओर चलते हुए !
पेड़ों की झुरमुटों में कभी कभी चाँद बादलों के बीच .. कुछ परिंदे पनाह में आधे भीगें से ठिठुरते हुए पत्तों के बीच .. कोई अधूरी जिंदगी की गीतों को गुनगुनाता हुआ मदमस्त हो, बेफिक्र गाता हुआ .. कितनी ही बूंदें तन को तर करती हुई .. मन को भिगोतीं ये रात की बारिश … आधे अधूरे मन में तो कितने बादल थे .. टूटे ख्वाबों के तरह !
बचपनों वालें कागज की नाव और बारिश में पैरों को पटकने का कौतुहल का ख्याल जहन में नहीं था आज, ये शहरों की बारिश भी अकेली है सुनसान सड़कों पर, कुछ भीगे पेड़, बारिश में नहायी लेम्प पोस्ट.. रह रह के आती गाडियाँ . जमे पानी के छीटों को उड़ाती हुई.. जैसे बिखेर दिया हो रास्ता किसी ने.. अपने धुन में बहते पानी का और अकेली जिंदगी पर हँसी की बुँदे जैसे कभी कभी पड़ती हो .. इस तरह ये बारिश !!
सुनसान सड़क पर .. गंतव्य की ओर भागता पथिक .. बारिश की बूंदों को निहारता .. कोई रोके ना .. मेरे कदमों को ! जिंदगी की उलझनों की कसक कम नहीं .. पर सिसकियों की आवाज गुम होती हुई फुहारों में .. रात की बारिश .. !!
Rainy Night & Pen #SK
1 thought on “रात की बारिश – Rainy Night & Pen”
Prabhat Ranjan
(July 18, 2014 - 5:30 am)बारिश की बूंदे धरती की प्यास को तृप्त कर देती हैं, तो मिट्टी की महक ख़ुशी में मानो इत्र की तरह पूरे वातावरण में सोंधापन फैला देती है।
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