ले फिर गुलाटीयाँ,
और फिर करतब करें ।
बंदर का खेल,
और भालू बन डराये ।
सीखे फिर ककहरा,
और बोले तोतली जबान ।
बाल को खींचें,
और मुँह चिढ़ाये ।
दूर से चंदा मामा को,
अपने संग बुलाये ।
जीवन की आपाधापी से अलग,
आओ फिर बच्चे बन जाये ।
#SK #DadsDiary 🤡🤠
The Life Writer & Insane Poet
ले फिर गुलाटीयाँ,
और फिर करतब करें ।
बंदर का खेल,
और भालू बन डराये ।
सीखे फिर ककहरा,
और बोले तोतली जबान ।
बाल को खींचें,
और मुँह चिढ़ाये ।
दूर से चंदा मामा को,
अपने संग बुलाये ।
जीवन की आपाधापी से अलग,
आओ फिर बच्चे बन जाये ।
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