किसी आँगन की खामोशी …….
किसी आँगन की खामोशी को देखा है, ना क़दमों की आहट है कोई, ना पायलों की रुनझुन ही बजते, ना किलकारी ही गूँजती अब, ना कोई रूठता ना रोता है …
किसी आँगन की खामोशी ……. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
किसी आँगन की खामोशी को देखा है, ना क़दमों की आहट है कोई, ना पायलों की रुनझुन ही बजते, ना किलकारी ही गूँजती अब, ना कोई रूठता ना रोता है …
किसी आँगन की खामोशी ……. Read MoreDo what you think, do what you wish for, this time never come back to you. If you really care for your thoughts forget your fear of failure, every defeat …
Are We Working for Bettered version of ourselves? Read Moreपुराने बटुए में कुछ कागजों के बीच, कुछ महफूज़ रखा है हमने यादों को ! अनेकों आधे अधूरे लम्हों को, थोरा थोरा जिक्र करके रखा है हमने ! अनेकों छोटे …
कुछ कागजों के बीच – The Memory In My Old Wallet Read Moreबहुत दूर से ये रिश्ता, धुँधला धुँधला सा लगता, कभी कभी आकर वो इसे, इक नाम दे जातें है ! हाँ में रुकसत भी नहीं करता, ना ही थामता हूँ …
दूर से ये रिश्ता … Read Moreसुबह किस सफर पर फिर चले, फिर किसी शाम को आज ले लौटे; ना कहीं पँहुचते है ना बढते है; बस अनवरत यूँ ही रोज चलते है ! कुछ …
अनवरत यूँ ही रोज चलते है ! Read Moreकिसी रोज की दूसरी बारिश थी, बुँदे इस तरह कांचों से फिसल गये, जैसे धुल गये अवसाद कितने पुराने, लिपटते रहे बूंदें कांचों से कितने भी, रिश्ते कच्चे थे हाथों …
हाथों से फिसल से गये … Read More