एक संगीत कभी सुमधुर तानो भरा,
कभी अनसुना विस्मित रागों सना !
एक हँसी कभी खुशी लहरों भरा,
कभी व्यंग्य के उपहासो से जना !
एक क्रंदन कभी नयनों में भरा !
कभी रुदन आद्र मन में बना !
एक ख्वाब कभी पलकों में भरा,
कभी वह पतझर पंछी बन उड़ा !
सवाल ख़ामोशी के साया में परा,
राहों में उलझे, पग पग पर है पाषाण जड़ा !
तूफां और नाकामी, मंजिल पर खड़ा !
कब डरा, कब रुका .. ??
जिंदगी आखिर जिंदगी, तेरे संग मैं चला !
सुजीत भारद्वाज
Nice.
आधुनिक लगने वाली महिलाओं के जीवन की त्रासदी दर्शाती यह कहानी पढ़ें-
http://mankiduniya.blogspot.com/
सवाल ख़ामोशी के साया में परा,
राहों में उलझे, पग पग पर है पाषाण जड़ा !
Gahan Abhivykti…
Life is Just a Life !!