Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज
3 thoughts on “जिंदगी आखिर जिंदगी ही है..”
DR. ANWER JAMAL
(April 19, 2012 - 3:57 am)Nice.
आधुनिक लगने वाली महिलाओं के जीवन की त्रासदी दर्शाती यह कहानी पढ़ें-
http://mankiduniya.blogspot.com/
डॉ॰ मोनिका शर्मा
(April 19, 2012 - 4:13 am)सवाल ख़ामोशी के साया में परा,
राहों में उलझे, पग पग पर है पाषाण जड़ा !
Gahan Abhivykti…
Kundan Kumar
(April 19, 2012 - 4:21 pm)Life is Just a Life !!
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