जब सब शांत स्तब्ध और अकेला सा हो जाता तो यादों का बादल तैरने लगता मन के खुले आसमानों में ; यादें भी तो कभी दम तोड़ देती होगी किसी के मन में कितना याद रख पायेगा कोई जिंदगी के अनेकों उधेड़बुनों में ! पर तुम नहीं मरोगे कभी … उसने बड़े सहज ढंग से कह दिया !
क्यों ? क्यों नहीं सब एक दिन खत्म हो जाता, बातें .. यादें .. जहन से चेहरा भी मिट जाता है !
नहीं कुछ चीजें नहीं मिट सकती ; तुम नहीं मिट सकते मेरे मन से ; उसने विरोध में कहा !
याद है एक दिन तुमने क्या कहा था … ” इफ ए राइटर फाल्स इन लव विथ यू, यू कैन नेवर डाय ”
हम्म .. इससे से आगे कुछ लिखा नहीं तुमने !
बस तुमने कुछ लिखा नहीं और मैंने कभी लिखना बंद किया नहीं ; मैं नहीं मरने दूँगा किसी स्मृतियों को, किसी बातों को, हाँ शक्ल उम्र दर उम्र ढलेगी लेकिन वो जो शब्दों में तुम्हें दर्ज करके रखते जा रहा हूँ , वो हमेशा नया है बदलते मौसमों की तरह ; सावन की बरसात की तरह, उफनती नदी की तरह, पेड़ के नए पत्ते की तरह, डूबते चाँद और रोज उगते सूरज की तरह !
मेरे शब्दों में रोज तुम सुबह गमले को सींचते, पक्षियों को दाना देते हो, आँगन में पायल की रुनझुन तो गलियों में कदमों की आहट से हो गए हो !
तुम्हें मैंने शब्दों के हर साँचे में ढाल दिया है, एक कैनवास जिसपर बनी तस्वीर से मौन बातें की जा सकती है !
बताओ क्या ये शब्द मरने देंगे तुम्हें ; तुम्हें नये नये रूप में, नये नये ढंग से ये शब्द रोज नयी जिंदगी देंगे ! तुम कभी नहीं मरोगे ; एक अमर कविता में परिणत हो चुके हो तुम !
तुमने बस कह के भुला दिया लेकिन मैं समझ गया था “If a writer falls in love with you, you can never die.. ” !!
#SK in Inbox Love …
Bhaisabb aapki ek rachna “you can never Die” padhi aur padhke aapka Fan ho gaya !!!
Bahut saral aur pyara !!
Thank You !!
— Mayank Patidar
Your artical is very fine .i most like.
Thank You So much …
Bahut Bahut Shukriya …
सरजी बहुत ही खूबसूरत शब्दों मैं अपने अहसास को बयांकर दिया …..
बहुटी सुन्दर रचना………
Awasome……
thanks
Very Nice Article.. Thanks for sharing..