वेब सीरीज – क्रिमिनल जस्टिस 

लॉकडाउन काल में एक और वेब सीरीज देखने का मौका प्राप्त हुआ । देखना आप शुरू करते और जबतक खत्म नहीं करते आपके आसपास की चीजें रुकी सी लगती, इतनी रोचक कंटेंट आधारित होती है ये कहानियाँ और अभिनय तो जैसे जीवंत पात्र ।

वेब सीरीज – क्रिमिनल जस्टिस

हॉटस्टार पर

मुख्य पात्र : विक्रांत मैसी, पंकज त्रिपाठी, जैकी श्रॉफ

रिव्यु पढ़ के देखने के लिए बैठेंगे तो तमाम लोग रीमेक , ब्रिटिश अमेरिकन वर्जन जैसी तमाम  व्याख्याओं से आपको एक अच्छी वेब सीरीज देखने से वंचित कर देंगे । तो देख कर रिव्यू देना ज्यादा सार्थक होगा ।

*** 10 – 20 सेकंड के सेक्स / मर्डर सीन से पूरे सीरीज को बयाँ करना गलत होगा “क्रिमिनल जस्टिस” के लिए ।

क्यों देखे 

  • कोर्ट रूम, क्राइम इन्वेस्टिगेशन, लीगल व्यवस्था , जेल, आरोपी, समाज, परिवार , मीडिया आदि चीजों को देखने समझने के लिए ।
  • पंकज त्रिपाठी और जैकी श्रॉफ के अभिनय को देखना चाहते ।
  • क्राइम, पुलिस थ्रिलर विषयों के चलचित्रों में दिलचस्पि हो ।
  • सधी हुई कहानी और शानदार अभिनय का एक साथ लुत्फ उठाने के लिए ।

विक्रांत मैसी : कहानी के मुख्य किरदारों में से एक ; पूरी कहानी के केंद्र में ये है और अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे | बहुत ही सहज ढंग से अभिनय किया इन्होने , जेल कोर्ट रूम से लेके रिहाई तक के सफर में गुस्से , तनाव , आशा निराशा के भाव को उकेरने में सफल रहे |

पंकज त्रिपाठी : इनको अब पहचान की जरुरत नहीं किरदारों को जीने का हुनर है उनमें | अपने किरदार में बहुत सरल ढंग से हास्य विनोद और गंभीर स्वभाव को ऐसे उतारते है जैसे अभिनय कर ही नहीं रहे |

जैकी श्रॉफ : अपने उम्र के हिसाब से अभी भी वो किरदार को सार्थक कर रहे | जेल में कैदी की भूमिका , डायलाग डिलीवरी , चेहरे पर भाव ठहराव देखने लायक है |

कहानी  कहीं भी ठहरी हुई नजर नहीं आती ; एक चीज आपको निराश करती की कहानी में शुरुवात से सस्पेंस गायब नजर आता आप आरोपी और क्राइम में खुद समझ जाते की क्या होने वाला है ! शायद सस्पेंस बना रहता तो कहानी और रोमांच पैदा करती !

लॉकडाउन में कंटेंट की तलाश में है तो क्रिमिनल जस्टिस आपको निराश नहीं करेगा !

 

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

View all posts by Sujit Kumar Lucky →