तुम्हारा लौटना

कुछ दिनों के खामोशी के बादतुम्हारा लौटना ऐसे है जैसेतपते हुए किसी महीने के बादलौटता हो बारिश का मौसमउमड़ते हुए मेघों से भरा आसमांफुहारों से भींगे हुए सब रास्तेधुली हुई …

तुम्हारा लौटना Read More
Rain & Poetry

सावन यूँ ही उतरा है आँगन में

बारिश से भींगे ये रास्ते, चहलकदमी के निशान, पत्तों पर फिसलती बूंदे, उथले उथले गड्ढों में पानी, सूखे पत्ते कीचड़ से सने हुए, आसमान में मेघों का झुंड, रुक रुक …

सावन यूँ ही उतरा है आँगन में Read More