रात के तमाम पहर में वो चाँद अकेला रहा,
कोई सिरफिरा आता तो लैम्पपोस्ट पर चढ़
चाँद से दो बातें कर लेता ।
तमाम रात उसे कुछ बादलों ने घेरे रखा,
न कुछ बात छेड़ी न ही साथ छोड़ा,
ऐसे जैसे लोगों के भीड़ में,
नीचे जमीं पर इंसान अकेला होता ।
चाँद ने भी ओढ़े रखी लम्बी ख़ामोशी,
कोई सिरफिरा आता तो लैम्पपोस्ट पर चढ़
दो बातें कर लेता ।
#SK