Mr and Mrs 55
ब्लैक एंड वाइट सिनेमा के दौर से गुरुदत्त की एक ऐसी ही सिनेमा से रूबरू कराते है आपको ! – Mr and Mrs 55
Cast: Madhubala, Guru Dutt, Lalita Pawar, Johnny Walker, Vinita Bhatt (Yasmin), Kumkum, Tun Tun, Cuckoo
एक साधारण सी प्रेम कहानी १९५५ में ये सिनेमा आई थी ; गुरुदत्त और मधुबाला मुख्य किरदार में थे ! कहानी कुछ इस तरह थी – गुरुदत्त (प्रीतम) एक कार्टूनिस्ट लेकिन बेरोजगार दोस्त से उधार पर नौकरी की तलाश कर रहा बंबई में ; सीता देवी शहर की जानी मानी हस्ती जो महिला संगठन से जुड़ी थी ; सीता देवी पुरुषों के खिलाफ महिलाओं को एकत्रित करती और भारत में तलाक प्रथा के लिए कोर्ट में महिलाओं की अर्जी का समर्थन कर रही थी !
अनीता सीता देवी की भतीजी – बड़े घर में पली लड़की ; प्यार के तलाश में मस्त मौला सी रहने वाली ; अनीता के किरदार में थी मधुबाला ! इन सबके बीच प्रीतम का दोस्त जोनी वॉकर ने पुरे कहानी में हास्य की कोई कमी नहीं की !
प्रीतम को सीता देवी एक प्रस्ताव देती झूठ की शादी करने का ढोंग और तलाक लेके अपने जिंदगी में वापस जाने का वादा लेती ; इसके बदले प्रीतम को मिलता २५० रुपया हर महीना ; पहले तो प्रीतम नहीं मानता लेकिन मधुबाला की फोटो देख वो राजी हो जाता ; लेकिन शादी और तलाक के बाद प्रीतम अनीता से प्यार करने लगता ; सीता देवी दवाब डालती की प्रीतम अनीता को छोड़ दे लेकिन प्रीतम अब अनीता को अपनी पत्नी के रूप में देखता !
एक दिन प्रीतम अनीता को अपने गाँव ले जाता वहाँ प्रीतम की भाभी से अनीता का कुछ वार्तालाप होता !
अनीता – आप इतना काम करती थक नहीं जाती !
भाभी – अपना घर गृहस्थी बोझ कैसा ! घर के काम काज में ही गृहस्थी का सुख है !
अनीता – शादी और इतने बच्चे ; औरत की आजादी खत्म हो जाती !
भाभी – जो औरत अपने बाल बच्चे को बोझ समझे वो मान कहलाने योग्य है ?
अनीता – आपके पति कभी खराब बर्ताव करते होंगे ;
भाभी – प्यार भी तो वहीँ करते !
ये सुन ; अनीता के मन में प्रीतम के लिए प्यार उमड़ जाता !
फिर सीता देवी प्रीतम को तलाक के लिए दवाब डालती ; फिर कोर्ट , कुछ जद्दोजहत और अंत में अनीता प्रीतम को एयरपोर्ट पर खोजते हुए आती की वो चला ना जाएँ ; प्रीतम नहीं जाता और एक सुखद अंत कहानी का ! लेकिन सीता देवी जो औरत को मॉडर्न बनने की हिमायत करती दिखी पटकथा ने उसे नकारत्मक छवि की महिला बना के प्रस्तुत किया !
सिनेमा के कुछ संगीत जो कर्णप्रिय लगे ;
गायक : रफ़ी, गीता दत्त, शमशाद बेगम
# जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी ; अभी अभी यहीं था किधर गया जी ! (जॉनी वॉकर और विनीता भट्ट)
# प्रीतम आन मिलो – क्लासिकल भारतीय संगीत ; दिल को खींचता संगीत !
# मेरी दुनिया लूट रहीं थी और मैं खामोश था ; टुकड़े टुकड़े दिल के चुनता किसको इतना होश था ! (विरह और दिल को कुरेदता गीत)
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