मैं अब नहीं देख पाता तेरी चहलकदमी,
क्योँ नहीं चहचाहट भी सुनाई परती,
आँगन मैं अब भी होती होगी आहटे तेरी !
सुबह पंछी आते होंगे तेरे खिड़कियों पर,
वो जानते है तेरा प्यार और तेरी सादगी,
जानते हो ये सारे पौधे गमलों में पड़े,
जिन्हें तुम सींचते ये पाते है जिंदगी तुमसे,
ये बस कुछ पत्ते नहीं है या बस कुछ फूल है,
ये जिंदगी में खुशियों के प्रतीक है,
ये बताते है किस तरह तेरा साथ इन्हें,
हर सुबह खिलखिलाना सिखाती,
अनेकों मौसमों में ना छोरा तुमने इन्हें,
बेजार हवाओं में इन्हें तुमने बढ़ना सिखाया,
ये सारे गमलों में पड़े पौधे पाते है जिंदगी तुमसे !
मैं कहता ना हरदम सींचना इन प्यार के पौधों को,
जब अकेले हो जाओ आना तुम इन पौधों के पास,
देखना ये कैसे तुम्हें जीना सिखाते.. हँसना सिखाते !
ये प्यार के पौधे …
#SK
behd khoobsurat 🙂
khoobsurat to wo pal hai aur wo paudhe jinse ye sbd nikle hai !!