करता जिंदगी की बातें वो,
बड़ी बड़ी वसूलों की फेहरिस्त
लोग सुन के सोचने लगते थे
बदल जाती थी कई की जिंदगी
कुछ खाली खाली लोग
उससे मिल भर जाते थे
उम्मीदों की बातों से ;
सब कहते जाने क्या क्या भरा है,
उसके इस मन में ;
उसे भी लगता वो भरा हुआ है
उम्मीदों और जज्बातों से !
पता नहीं फिर क्या हुआ,
खुद में खोया हुआ रहता,
किसी अनबन उधेरबुन में,
खाली खाली सा जैसे,
खत्म हो गया उसका वजूद,
खोखला आदमी था खाली हो गया !
Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज