ठंड से ठिठुरता चाँद …
शीत में भींगता गुनगुनाता चाँद,
न कोई अलाव है न कोई तपिश ।
न कोई गुफ्तगू न कोई खबर पूछता,
किससे रात भर बातें करता होगा चाँद ?
चुपचाप देखता बिना पलके झपकाए
पहर हर पहर भारी सा लगता होगा,
कैसे रात बिताता होगा चाँद !
चाँद – @ Winter Night
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