भागती ऊहापोह जिन्दगी में
क्या खोने पाने की चाहत है,
बस उबते थकते मन को बहलाते
चले जा रहे एक अनजान सफ़र पर !
क्या पाउगा या क्या खो दूगा,
गुमनाम चाहत है एक हसरत है,
सपनो की बादल की एक बूंद ही सही
बस चले जा रहे एक अंजन सफ़र पर
The Life Writer & Insane Poet
भागती ऊहापोह जिन्दगी में
क्या खोने पाने की चाहत है,
बस उबते थकते मन को बहलाते
चले जा रहे एक अनजान सफ़र पर !
क्या पाउगा या क्या खो दूगा,
गुमनाम चाहत है एक हसरत है,
सपनो की बादल की एक बूंद ही सही
बस चले जा रहे एक अंजन सफ़र पर
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क्या पाउगा या क्या खो दूगा,
गुमनाम चाहत है एक हसरत है.
अच्छा लगा. आगे लिखते रहें.
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
good