ना खता जतायी ..
ना खबर बताई ..
ये इरादा चुप रहने का ..
उम्मीदों पर बोझ बन रहा !
किश्तों किश्तों में ढूंढता,
कहीं यादें कम ना पर जाये,
तेरे लौट आने तक !
रंग रंगीली झूठी दुनिया..
खो जाने कि कोशिश करते,
पर झूठी लगती हर रंगरलियाँ,
जब बातें बेमानी सी हो जाती,
एक तलक फिर दूर कहीं से,
वही आवाज़ सी आती …
मन को मन से बहलाते
मन फिर भी कहाँ चैन है पाते !
कदमो की आहट कभी खटकती,
ख्वाब रातो से बात है करती ..
गमगीन गलियों में गुजर जाती,
हर रात..बस एक इन्तेजार में !