घूँघट घूँघट नैना नाचे – Poetic Song ( Sharda Sinha)

** एक टीवी साक्षात्कार में शारदा सिन्हा से कुछ पंक्तियाँ, इस गीत व कविता को सुना, और सचमुच भाव से ओत प्रोत कर्णप्रिय रचना ! माटी की खुशबू और संगीत जैसे परम्परा का वहन करती !
घूँघट घूँघट नैना नाचे, पनघट पनघट छैया रे,
लहर लहर हर नैया नाचे, नैया में खेवइया रे।
बीच गगन में बदरा नाचे बरसे मारे प्यार के,
पानी पी के धरती नाचे बिना किसी आधार के ।
डूबा सूर्य निकल आया तो मरने वाला कौन है,
रंग बिरंगे परिवर्तन से डरने वाला कौन है !
नाचू जैसे मुझे नचाते मेरे वेणु बजाया रे !
लहर लहर हर नैया नाचे, नैया में खेवइया रे।

(गोपाल सिंह नेपाली की काव्य रचना को जीवंत करती शारदा सिन्हा के स्वर !)

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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