किसी भी लहजे में नहीं ….
किसी भी लहजे में तो नहीं कहा, की तुम्हारी कई बातें अच्छी नहीं, झुंझलाहट भरी थी चुप्पी तेरी, प्रेम में डूब के कैसे कहता की, कुछ द्वेष भी तो पलने …
किसी भी लहजे में नहीं …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
किसी भी लहजे में तो नहीं कहा, की तुम्हारी कई बातें अच्छी नहीं, झुंझलाहट भरी थी चुप्पी तेरी, प्रेम में डूब के कैसे कहता की, कुछ द्वेष भी तो पलने …
किसी भी लहजे में नहीं …. Read Moreआज फिर सदियों के बाद वही पुरानी आहट सी थी, जो भुला नहीं हूँ अब भी जेहन में बची एक हसरत सी थी । कुछ दो शब्दों पर तर हो …
आज फिर सदियों के बाद वही पुरानी आहट सी थी ! Read Moreइन उम्मीदों की मंजिल क्या है .. ये सवाल अपने आप से पूछता अक्सर वो;वर्तमान से उस आने वाले समय की परिकल्पना कैसे उमड़ रही ! जैसे वो कहा रहा …
Not as a Stranger – Night & Pen Read Moreना खता जतायी ..ना खबर बताई ..ये इरादा चुप रहने का ..उम्मीदों पर बोझ बन रहा ! किश्तों किश्तों में ढूंढता,कहीं यादें कम ना पर जाये,तेरे लौट आने तक ! …
आहट सी तेरी .. Read Moreएक अल्ल्हर बातें है जैसे, सपने का पलना हो जैसे !अठखेली हवाओं जैसी !बावरी मन चंचल हो जैसी ! आशाओं की डोरी सी !बातें करती पहेली सी, एक तस्वीर …. …
अल्ल्हर बातें ! Read More