DILUTE LOVE POETRY

किसी भी लहजे में नहीं ….

किसी भी लहजे में तो नहीं कहा, की तुम्हारी कई बातें अच्छी नहीं, झुंझलाहट भरी थी चुप्पी तेरी, प्रेम में डूब के कैसे कहता की, कुछ द्वेष भी तो पलने …

किसी भी लहजे में नहीं …. Read More

आज  फिर सदियों  के बाद वही पुरानी आहट सी  थी !

आज फिर सदियों के बाद वही पुरानी आहट सी थी, जो भुला नहीं हूँ अब भी जेहन में बची एक हसरत सी थी । कुछ दो शब्दों पर तर हो …

आज  फिर सदियों  के बाद वही पुरानी आहट सी  थी ! Read More