उस रात नींद भी तो नहीं आई थी ;
सर पर विक्स और बाम ने कुछ आराम दिया तो झपकी ली ;
बीच में घड़ी का पता नहीं मोबाइल को कई बार देखा ;
कोई न्यू मैसेज भी नहीं था !
पता नहीं कब आँख लग गयी ;
रात के किसी पहर ..
दवाई टाइम से और
टेक केयर 🙂 🙂 दो स्माइली के साथ !
मैसेज क्या दवाई है ?
दवाई की तरह ही है .. आ जाये तो आराम मिलता है !
हम्म.. एक पूर्णविराम की तरह !
संवाद में .. कुछ देर बाद ;
टेक केयर टू 🙂
मुझे क्यों ?
पता है !
क्या ?
बस ऐसे इतनी रात को जरुरु कुछ लिख रहे होगे ; फिर सुबह काम पर ..
सो टेक केयर टू थ्री एन सो ओन ! 🙂
Inbox Love Bring By – Sujit