कुछ दिन जब …

Love Life & Things

Love Life & Thingsकुछ दिन जब तुम नहीं बोलते,
कुछ दिनों की चुप्पी होती,
फिर बोलने लगती हर चीजें
तुम्हारी तरह ।

सुबह सुबह खिड़की के पर्दो से झाँकती है धुप,
तुम्हारी शक्ल लेकर,
कमरे की वो दीवार,
जिसपे बड़ा सा कैनवास लगाया था,
बदल के हो जाती है,
उसकी सारी तसवीरें तेरे चेहरे जैसी ।

कभी गुजरता हूँ आइने के सामने से तो,
कंधे के बगल में तेरी परछाई खड़ी नजर आती ।

कुछ दिनों की आँख मिचौली ठीक थी,
आओ फिर बातें करते हैं
सब चीजों को वापस कर दे शक्ल उसकी,
जो तुम्हारी तरह हो गयी थी ।

#SK

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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