
कुछ दिन जब …
कुछ दिन जब तुम नहीं बोलते, कुछ दिनों की चुप्पी होती, फिर बोलने लगती हर चीजें तुम्हारी तरह । सुबह सुबह खिड़की के पर्दो से झाँकती है धुप, तुम्हारी शक्ल …
कुछ दिन जब … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
कुछ दिन जब तुम नहीं बोलते, कुछ दिनों की चुप्पी होती, फिर बोलने लगती हर चीजें तुम्हारी तरह । सुबह सुबह खिड़की के पर्दो से झाँकती है धुप, तुम्हारी शक्ल …
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