अब कोई नज़्म नहीं लिखूँगा तुमपर
देखों ये तुमने क्या कर दिया
तुम्हारी नज़्म सा ही हो गया हूँ !!
#Randomthoughts
वहम था उन चेहरों का हँसना,
यकीन यूँ ही नहीं उठता किसी से ।
#पागलदुनिया
कोई हर रोज, घंटों सामने बैठ के जाता,
ख़ामोशी मुझसे उसका ताल्लुक पूछती है ।
#पागलदुनिया
नजाने कितने लम्हें बीते थे बेशक्ल को एक शक्ल देने में,
अब वो बेजुबान बिना चेहरे के फिर से बुत सा बन बैठा है ।
#पागलदुनिया
ढूँढ लो रकीब का चेहरा ;
आज यहाँ सबने ही नकाब खोले है ।
#पागलदुनिया
कहाँ जाये तुझे छोड़ के ए हमसफर ;
जब सब राहें एक सी तो,
क्यों हम गुमसुम हो चले !!
#SK
कभी कभी नफरत में भी जल जाओ ..
रिश्तों का झूठा लिबास तो खाक होगा !!
#NightPen … #SK
इन रास्तों पर वक़्त के कई सितम से तराशा गया हूँ ;
ख़ामोशी इन्तेजार ये कुछ ठिकाने हुआ करते थे ।
#Random #Thoughts
Two liners and short poems are instant random emotions comes in mind, Feel free to share in social media.
Thanks – #Sujit
बढ़िया