तुम्हारा कहना
और मेरा बस सुनते जाना
जरुरी था
मन के एक उबाल का
शब्दों में समा जाना
और फिर तर से गले
से कुछ न कह पाना
दोनों तरफ फैले शोर का दब जाना
और ओढ़ लेना लम्बी ख़ामोशी
जरुरी था
विवादों प्रतिकारों से उपजे संवादों
को भूल जाना,
किसी उम्मीदों की सुबह में सब बेहतर हो
जरुरी था
नम आँखों से उस दिन सो जाना ।
#SK